Today Voice of Sunita Jain

11:21:00 AM

महिलाओं को कमतर न आँकें.........
-Sunita Jain
महिला दिवस आने वाला है, सम्मान की बातें बहुत होंगी.... पूर्वानुमान है।पुरुष धुरी है घर की औऱ महिला चक्र, नकारा ही नहीं जा सकता.......।महिला आज नौकरी पेशा भी है, घरेलू भी....।नौकरी पेशा दौहरी मार अधिकतर झेल रही हैं,
क्योंकि हमारे देश की व्यवस्था ही कुछ ऐसी है।घरेलू तो वैसे ही कुछ करती नहीं, सदियों से उपेक्षित।
आज एक किस्सा सुनिए..........
एक पति प्रतिदिन अपनी पत्नी से यह कहकर आफिस जाता था, तुम्हें क्या, तुम्हें घर पर रहना है ,तुम्हें दिन भर काम ही क्या है!!एक दिन पति दफ्तर से घर आकर देखता है..... बर्तन झूठे पड़े हैं, कपड़े धुले नहीं हैं, बच्चे भूखे हैं, घर में कचरा पड़ा है...... पति बौखलाया...... ये सब क्या है औऱ तुम चैट, टी.वी में लगी हो। कोई जवाब नहीं, वो फिर चिल्लाया.... भूख लगी है सबको।
आज काम क्यों नहीं करतीं... पत्नी हँसकर बोली-आप रोज कहते थे मैं करती क्या हूँ, बस वही बताना चाह रही थी।
मैं भी चाहती हूँ उन महिलाओं को एक मंच मिले, जो घर के लिए बहुत कुछ करती हैं, तभी घरवाले कुछ कर पाते हैं।
आज से मैं आप सभी के साथ जुड़ रही हूँ, हम रोज..... एक छोटी सी बात करेंगें ,जो सकारात्मक होगी। उसमें समस्याएं भी होंगी, समाधान भी.....
आप अपनी बात रखें, स्वागत है।
मुझे सभी की प्रतिक्रिया का इंतजा़र है।
आप स्वयं प्रश्न उठाएं औऱ सब मिलकर समाधान भी निकालें, तो आइए आज से ही, ये महिला दिवस पर आधी दुनिया को मेरा नमन होगा.......।

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