एक पत्रकार ने कराई कन्हैया के भाषण की तैयारी! Kanheya Kumar (Jnu) Update news
12:50:00 AM
एक पत्रकार ने कराई कन्हैया के भाषण की तैयारी!
The Chandra Times
(www.chandratimes.in)
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भाषण को ‘एतिहासिक’ बनाने के लिए बाकायदा पूरी तैयारी कराई गई थी। रिहाई के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंचने और एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक पर भाषण देने तक कन्हैया के इर्द-गिर्द रहे एक वामपंथी छात्र कार्यकर्ता से मिली जानकारी के मुताबिक कन्हैया जब कैंपस में एक प्रोफेसर के घर पर पहुंचा तो बाहर मिलने के लिए मीडिया और छात्रों की भारी भीड़ जमा थी। इनमें से सिर्फ एक महिला पत्रकार ही कन्हैया तक पहुंच पाई थीं। उन्होंने उसे काफी कुछ ‘इनपुट्स’ दिए कि आज उसे भाषण में क्या-क्या बोलना चाहिए। सीधे मोदी को टारगेट करने की सलाह उस महिला पत्रकार ने कन्हैया को पिछले दिनों हुए घटनाक्रम के बारे में बताया। उन्होंने ही संसद में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने अपने स्मार्टफोन पर कुछ वीडियो और टेक्स्ट भी कन्हैया को दिखाया। उन पत्रकार की ही सलाह थी कि “जेएनयू के लोकल इश्यूज़ में ज्यादा मत उलझना, सीधे नेशनल पब्लिक को एड्रेस करना। तुम्हें सारे चैनल लाइव दिखाएंगे। इसलिए मिस्टर मोदी और आरएसएस को टारगेट करना।” उन पत्रकार ने ही बताया कि “नेशनलिज्म पर अपना स्टैंड साफ कर देना। क्योंकि एंटी-नेशनल नारों से पब्लिक में बहुत नाराजगी है।” इन पत्रकार ने कन्हैया से थोड़ी देर अकेले में भी बात की। एक महिला पत्रकार ने बताया था कि नेशनल ऑडिएंस होंगे, सीधे मोदी पर टारगेट करना। वकीलों और प्रोफेसरों से भी मिले इनपुट्स कपिल सिब्बल जैसे तमाम दिग्गज वकील कोर्ट में कन्हैया के लिए खड़े हो रहे थे। इन वकीलों ने ही हिरासत में उससे बातचीत का एक वीडियो भी लीक कराया था। इन वकीलों ने भी रिहाई से पहले और बाद में कन्हैया को काफी कुछ इनपुट्स दिए थे कि उसे क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना। जेएनयू के प्रोफेसर ने ही कन्हैया की 10 हजार रुपये की बेल बॉन्ड भरी थी। वामपंथी रुझान वाले इस प्रोफेसर ने भी कन्हैया को भाषण की काफी तैयारी कराई थी। उन्होंने ये भी कहा था कि “हाई कोर्ट के फैसले से डरने की जरूरत नहीं है। पब्लिक तुम्हारे साथ है।” इन लोगों ने ही उसे फिलहाल उमर खालिद और अनिर्बान का जिक्र न करने को कहा था। एंटी-मोदी कैंपेन का चेहरा बनेगा कन्हैया! मीडिया के एक तबके को कन्हैया में संभावनाओं का महासागर नज़र आ रहा है। इन्हें लग रहा है कि कन्हैया की अगुवाई में छात्र आंदोलन खड़ा करके मोदी सरकार को हिलाया जा सकता है। हालांकि उमर खालिद और उसके साथी अब भी दुखती रग हैं। क्योंकि उन्हें ‘भारत की बर्बादी’ के नारे लगाते सबने देखा है। यही वजह है कि कन्हैया ने जेएनयू पहुंचकर अपने भाषण में उमर खालिद का जिक्र तक नहीं किया। अगर उसे तमाम बड़े पत्रकारों, वकीलों और प्रोफेसरों की सलाह नहीं मिलती तो वो शायद भावुकता या फिर छात्र एकता के नाम पर खालिद का जिक्र कर ही देता और ऐसा करना उसके लिए बड़ा ‘सेल्फ गोल’ साबित हो सकता था।
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