आज के युवाओं से दो-टूक बात........ सुनीता जैन
2:51:00 AM
आज के युवाओं से दो-टूक बात........ सुनीता जैन..
"युवा".. देश का कर्णधार औऱ आगामी पीढ़ी..... जिसके कंधों पर छोड़ी जाती
हैं, घर परिवार औऱ देश की समूची ज़िम्मेदारी......।
आज के युवा ज़्यादातर तनाव से शिकार ग्रस्त हैं।
बढ़ता तनाव अवसाद की ढलान पर ले जा रहा है, जहां
फिसलन के सिवा कुछ नहीं....!!
तनाव युक्त रहने का प्रमुख कारण युवाओं की जीवन-शैली भी है।जिसमें देर तक जागना..... देर से उठना, खान-पान में अनियमितताऐं औऱ कार्रस्थलों पर बढ़ता काम का बोझ...। हर क्षेत्र में बढ़ती प्रतियोगिताओं से तनाव युक्त युवा निराश होकर नशे में भी लिप्त हो रहे हैं। बढ़ते नशे का सेवन कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। युवाओं का अवसाद भरा जीवन चिंता का बिषय बनता जा रहा है।
युवाओं का बहुत कम उम्र में उच्च शिक्षा व नौकरी हेतु घर से दूर रहना भी उनको अनुभवों औऱ संरक्षण से दूर कर रहा है,जो विशेष चिंता जनक हो रहे हैं। स्वयं के फ़ैसले अनुभव हीनता के कारण जल्द ही दम तोड़ रहे हैं, चाहें वे नौकरी से संबंधित हों या विवाह से......।
भागमभाग ज़िंदगी में अस्थिरता जीवन को बेस्वाद, बदरंग औऱ उबाऊ बनाती जा रही है।रसहीन ज़िंदगी से हो रहीं हैं-शारिरिक अक्षमता प्रभावित।
युवाओं से पुरज़ोर अनुरोध है वे जीवन में उद्देश्य सुनिश्चित करें।वे अधिक सक्षम औऱ संतुष्टि के साथ तनाव विहीन जीवन जी पाएंगे।
Today Voices - Sunita Jain
"युवा".. देश का कर्णधार औऱ आगामी पीढ़ी..... जिसके कंधों पर छोड़ी जाती
हैं, घर परिवार औऱ देश की समूची ज़िम्मेदारी......।
आज के युवा ज़्यादातर तनाव से शिकार ग्रस्त हैं।
बढ़ता तनाव अवसाद की ढलान पर ले जा रहा है, जहां
फिसलन के सिवा कुछ नहीं....!!
तनाव युक्त रहने का प्रमुख कारण युवाओं की जीवन-शैली भी है।जिसमें देर तक जागना..... देर से उठना, खान-पान में अनियमितताऐं औऱ कार्रस्थलों पर बढ़ता काम का बोझ...। हर क्षेत्र में बढ़ती प्रतियोगिताओं से तनाव युक्त युवा निराश होकर नशे में भी लिप्त हो रहे हैं। बढ़ते नशे का सेवन कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। युवाओं का अवसाद भरा जीवन चिंता का बिषय बनता जा रहा है।
युवाओं का बहुत कम उम्र में उच्च शिक्षा व नौकरी हेतु घर से दूर रहना भी उनको अनुभवों औऱ संरक्षण से दूर कर रहा है,जो विशेष चिंता जनक हो रहे हैं। स्वयं के फ़ैसले अनुभव हीनता के कारण जल्द ही दम तोड़ रहे हैं, चाहें वे नौकरी से संबंधित हों या विवाह से......।
भागमभाग ज़िंदगी में अस्थिरता जीवन को बेस्वाद, बदरंग औऱ उबाऊ बनाती जा रही है।रसहीन ज़िंदगी से हो रहीं हैं-शारिरिक अक्षमता प्रभावित।
युवाओं से पुरज़ोर अनुरोध है वे जीवन में उद्देश्य सुनिश्चित करें।वे अधिक सक्षम औऱ संतुष्टि के साथ तनाव विहीन जीवन जी पाएंगे।
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