Reena Singh Poems - यूँ ! जिन्दगी ना होती
6:58:00 AM
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तमाशा ए दुनियाँ गर ये महफ़िल न होती ।
तन्हा ... यूँ ! जिन्दगी ना होती ॥
हर कदम राह फूलो सी ...
कांटो से जिन्दगी , यूँ न गुजरती ॥
यूँ न होती गर जिन्दगी , तो क्या था ।
ठहराते है .. गुनहगार मुझे ! ... मेरे अपने ॥
काश ! सीने में ये दिल पत्थर होता ।
खुशनुमा जिन्दगी में , ये दर्द न होता ॥
Writer- Reena Singh Gahlot
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