एक कहानी फिर तुम भी लिखना -कल्पना भट्ट
10:01:00 AM
एक कहानी फिर तुम भी लिखना
देखा है जो तुमने यहाँ
अपनी कलम से उसको सजाना
ख्याल अपने शामिल कर अपने
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
साहित्य को समझना
अपने आप को लायक बनाना
खूब पढ़ना पहले तुम किताबे
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
स्वच्छ मन और समाज से जुडी
बातों को तुम गौर से पढ़ना
सत्य की राह पर चल कर
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
नयी नवेली नार हो कहीं
उनपर अत्याचार हो कहीं
यह आईना तुम सबको दिखाना
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
दर्द कहीं कहीं खुशी है
कोई अमीर तो कोई गरीब है
भेदभाव न तुम इनमे करना
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
अपने ख्वाबों को सजाना
सोये हुओं को तुम जगाना
कह रही है 'कल्पना' तुमसे
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
देखा है जो तुमने यहाँ
अपनी कलम से उसको सजाना
ख्याल अपने शामिल कर अपने
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
साहित्य को समझना
अपने आप को लायक बनाना
खूब पढ़ना पहले तुम किताबे
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
स्वच्छ मन और समाज से जुडी
बातों को तुम गौर से पढ़ना
सत्य की राह पर चल कर
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
नयी नवेली नार हो कहीं
उनपर अत्याचार हो कहीं
यह आईना तुम सबको दिखाना
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
दर्द कहीं कहीं खुशी है
कोई अमीर तो कोई गरीब है
भेदभाव न तुम इनमे करना
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
अपने ख्वाबों को सजाना
सोये हुओं को तुम जगाना
कह रही है 'कल्पना' तुमसे
एक कहानी फिर तुम भी लिखना |
कल्पना भट्ट
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