मैथिली poems
3:50:00 AM
मैथिली हमर श्रध्दा अईछ
मैथिली अईछ स्वाभिमान
जाबतधरी जियब हम
करब हिन्के गुणगाण ll
प्रयास कनी अपनेहू करीयौ
एही मे नै पाछु हटीयौ
मौका ज़ भेटैया त...
क दीऔ न्योछावर प्राण ll
मैथिली हमर श्रध्दा ..........
सुनु यौ श्रोता गण सब
विनती अईछ हाथ जोरि क
एही पर मंथन करियौ
अप्पन किछ काज छोरी क ll
मैथिली हमर श्रधा .............
मैथिली काईन रहल छैथ
हिनका नै कानै दियौन
हमर सभक भाषा अईछ
ई दुनियाँ के जान दीऔ ll
मैथिली हमर श्रधा . . . . . . . . .
मैथिली हमर मान अईछ
मैथिली हमर शान अईछ
एक बेर निक स देखूं
मैथिली अभिमान अईछ ll
मैथिली हमर श्रधा .............
हम सब संस्कार के
निक्क क बिसैर गेल छी
जे क्यों जतय गेनौह ओ
ओहिठाम भटैक़ गेल छी ll
मैथिली हमर श्रध्दा ...............
मैथिली माँ के स्नेह अईछ
मैथिली दुलार बाप के
जे क्यों बिसरब हिनका
ओ छी भागीदार पाप के ll
मैथिली हमर श्रध्दा अईछ . . . . . . .
" " जय मैथिल जय मिथिला" "
मैथिली अईछ स्वाभिमान
जाबतधरी जियब हम
करब हिन्के गुणगाण ll
प्रयास कनी अपनेहू करीयौ
एही मे नै पाछु हटीयौ
मौका ज़ भेटैया त...
क दीऔ न्योछावर प्राण ll
मैथिली हमर श्रध्दा ..........
सुनु यौ श्रोता गण सब
विनती अईछ हाथ जोरि क
एही पर मंथन करियौ
अप्पन किछ काज छोरी क ll
मैथिली हमर श्रधा .............
मैथिली काईन रहल छैथ
हिनका नै कानै दियौन
हमर सभक भाषा अईछ
ई दुनियाँ के जान दीऔ ll
मैथिली हमर श्रधा . . . . . . . . .
मैथिली हमर मान अईछ
मैथिली हमर शान अईछ
एक बेर निक स देखूं
मैथिली अभिमान अईछ ll
मैथिली हमर श्रधा .............
हम सब संस्कार के
निक्क क बिसैर गेल छी
जे क्यों जतय गेनौह ओ
ओहिठाम भटैक़ गेल छी ll
मैथिली हमर श्रध्दा ...............
मैथिली माँ के स्नेह अईछ
मैथिली दुलार बाप के
जे क्यों बिसरब हिनका
ओ छी भागीदार पाप के ll
मैथिली हमर श्रध्दा अईछ . . . . . . .
" " जय मैथिल जय मिथिला" "
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