घर से निकलोगे परदेश को , मै बाहर विदा करने नहीं आऊंगी- सीमा राय ",मधुरिमा "

9:14:00 PM

""'' लौट आना """

सुनों जब तुम कल
घर से निकलोगे परदेश को ,
मै बाहर विदा करने नहीं आऊंगी ,
देखो बुरा मत मानना ,
मै अपनी आँखों से न देख सकूंगी तुम्हें जाते ,
जानती हूं कि तुम्हारा जाना भी जरूरी है ,
घर में दो विवाह करने के लिये बहनें जो हैं ,
पिताजी ने ये सब जिम्मेदारियां
तुम पर डाल दुनिया से अलविदा जो कह
दिया है ,
जावती हूं कि इस मुल्क की
आमदनी से न हो पायेगा
हमारा गुजारा ,
यह भी जानती हूं कि पल पल
टूट जाओगे जिम्मेदारियों को
निभाते निभाते ,
पर क्या करूं ,
कोई और चारा भी तो नहीं ,
सुनों मुझे भूल मत जाना
अकेलेपन से परेशान हो देखो कहीं सौतन से नेह न लगाना ,
देखो मै बाहर नहीं आऊंगी
तुमको करने विदा ,
ताकि तुम याद रखना
हरदम मेरा चेहरा और
जल्द से जल्द लौट आना ,
प्रीत गर किया है तो निभाना ,
देखो प्रियवर मेरे मुझे न भुलाना ,
तुझ बिन जी न सकूंगी ,
ये आँसू पी न सकूंगी  !!!!

सीमा राय ",मधुरिमा "

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