नंगे को मिल गई पीतल, बाहर धरुं कि भीतर......Sunita Jain
10:40:00 PM
नंगे को मिल गई पीतल,
बाहर धरुं कि भीतर......
देश के जवानों पर सामुहिक आरोप में झलकती बेबाकी
गवाही दे रही है। आप ही बताइये....... रेप कहाँ औऱ कब नहीं हो रहे?गौरपूर्वक देखें तो हर दिन ऐसी घिनौनी घटनाएं आम हो गइं हैं।कन्हैया की नज़र उन पर क्यों नहीं गई..... ये वो फ़ँडे हैं, साँप की पूंछ पर पैर पड़ा , वो बौखला गया.....।
देश का नागरिक होने के नाते, हम सभी की अहं ज़िम्मेदारी बनती है,हम किसी भी राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते हमारी संस्कृति औऱ संस्कारों में सेंध न लगने दें।
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बाहर धरुं कि भीतर......
सुनीता
Sub_Editor
www.chandratimes.in
(THE CHANDRA TIMES)
एक माह पूर्व कौन जानता था कन्हैया को?महाविद्यालय का साधारण सा छात्र।अचानक बन गया देश का हीरो....।मीडिया पर तेजी से चर्चित होने के कारण उसकी इच्छाऐं अंगड़ाइयाँ लेने लगी हैं।आग में घी का काम.... उसके हाल-फिलहाल बने गाडफादर औऱ हवा देने को तत्पर पेय चैनल।
राजनैतिक छाँव की ठंडक से उनींदा कन्हैया आपत्तिजनक बयां पे बयां दिए जा रहा है,उसे चर्चा में जो रहना है औऱ खा़स वर्ग स्वार्थ सिद्धि कर रहा है।देश के जवानों पर सामुहिक आरोप में झलकती बेबाकी
गवाही दे रही है। आप ही बताइये....... रेप कहाँ औऱ कब नहीं हो रहे?गौरपूर्वक देखें तो हर दिन ऐसी घिनौनी घटनाएं आम हो गइं हैं।कन्हैया की नज़र उन पर क्यों नहीं गई..... ये वो फ़ँडे हैं, साँप की पूंछ पर पैर पड़ा , वो बौखला गया.....।
देश का नागरिक होने के नाते, हम सभी की अहं ज़िम्मेदारी बनती है,हम किसी भी राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते हमारी संस्कृति औऱ संस्कारों में सेंध न लगने दें।
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