Sunita Jain Poems-तो क्या बुरा किया!!!

4:43:00 AM

ज़िन्दगी से सच कहा,
तो क्या बुरा किया!!!
 कुछ अपनों को अजीज़ कहा,
 तो क्या बुरा किया!!!
  बेशुमार रिश्तों ने,
  डाली हैं बेड़ियाँ.....
 
 कुछ वक्त बस खु़द को दिया,
    तो क्या बुरा किया !!!!
   शूलों का साथ हरदम,
    निभाया ही किया था.....
    फूलों से कुछ चुरा लिया,
     तो क्या बुरा किया !!!!
     राहों के कांटे भी,
      अपनों के ही तो थे.....
       उनके लिए रास्ता सहज किया,
       तो क्या बुरा किया!!!
       कहते थे वो हरदम,
        हम तुम्हारे हैं सदा......
        वक्त पे मुँह फेर लिया,
         तो क्या बुरा किया!!!
          ज़िन्दगी से सच कहा..........
                 ..सुनीता ..
                    

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