भारत की इस जांच एजेंसी के ऑपरेशन से घबराया ISIS, रिक्रूटर्स को दिया नया ऑर्डर-Denik Bhaskar
2:06:00 AMभारत की इस जांच एजेंसी के ऑपरेशन से घबराया ISIS, रिक्रूटर्स को दिया नया ऑर्डर
The Chandra Times | Apr 21,2016 12:02 PM IST
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जनवरी में एनआईए ने कई राज्यों में आईएस मॉडयूल के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर 24 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया था। (फाइल)
नई दिल्ली. इस्लामिक स्टेट (आइएसआईएस) को भारत से दूर रखने के लिए पिछले कुछ महीनों से चल रहे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के ऑपरेशन से सीरिया में बैठे आतंकी परेशान हैं। उन्होंने भारत में अपने कॉन्टैक्ट्स को नया फरमान देकर उनसे कुछ वक्त तक लो प्रोफाइल रहने को कहा है। साथ ही रिक्रूटमेंट और ऑनलाइन एक्टिविटीज भी कम करने को कहा है। एनआईए ने 24 से ज्यादा लोगों को पकड़ा था...
- इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, ये ऑर्डर आईएसआईस रिक्रूटर शफी अरमार उर्फ यूसुफ अल हिंदी ने भारतीय रिक्रूटर्स को दिए हैं।
- बता दें कि जनवरी में एनआईए ने कई राज्यों में आईएस मॉडयूल के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर 24 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया था।
- इन लोगों में 'अमीर' नाम के ग्रुप का मेंबर इंजीनियर मुद्दबिर मुश्ताक शेख भी शामिल था। शेख को भारत में आईएस के मॉडयूल का चीफ बताया गया था।
- शेख को मुंबई से अरेस्ट किया था। एनआईए ने मुंबई, केरल, आंध्रप्रदेश, यूपी समेत कई राज्यों में यह ऑपरेशन चलाया था।
- शेख को मुंबई से अरेस्ट किया था। एनआईए ने मुंबई, केरल, आंध्रप्रदेश, यूपी समेत कई राज्यों में यह ऑपरेशन चलाया था।
आईएस कैसे करता है भर्ती
- इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, आईएस के आतंकी यंगस्टर्स को लुभाने के लिए फेसबुक, ट्विटर, स्काइप, सिगनल, ट्रिलियन जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करते हैं। रिक्रूटर्स ऐसे लाेगों को मजहब के नाम पर भड़को हैं।
- उन्हें कट्टर बनाने और आईएस से जुड़ने को कहा जाता है। साथ ही दूसरों लोगों को भी मेंबर बनाने को कहा जाता है।
कम हुई एक्टिविटीज
- एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेलिजेंस ऑफिसर ने बताया- ' हमने नोटिस किया है कि पिछले कई दिनों से फॉरेन-बेस आईएसआईएस हैंडलर्स और नेट-सेवी इंडियन यूथ के बीच ऑनलाइन चैट में कमी आई है। हो सकता है कि यह सब उसी (रिक्रूटर यूसुफ अल हिंदी) के ऑर्डर के बाद हुआ हो।'
- ' लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने यूथ से कॉन्टैक्ट करना बंद कर दिया है।'
आगे की स्लाइड्स में पढ़ें : अपने ही जख्मी लड़ाकों को क्यों मार रहा IS
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Web Title: ISIS killing injured fighters to sell organs for cash
(News in Hindi from Dainik Bhaskar)
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साउथ मोसुल का हिस्सा हाथ से निकल जाने के बाद आतंकियों की फाइनेंशियल क्राइसिस बढ़ गई है। (फाइल)
अपने ही जख्मी लड़ाकों को मार रहा IS
फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहे इस्लामी स्टेट (आइएसआईएस ) ने ऑर्गन बेचने का कारोबार शुरू कर दिया है। अभी तक वह बंधकों को मारकर उनके बॉडी पार्ट्स बेचता था। अब उसने इसके लिए अपने जख्मी लड़ाकों को मारना शुरू कर दिया है। ह्यूमन बॉडी के ये ऑर्गन वह ब्लैक मार्केट में ऊंची रकम में बेच रहा है।
- अरबी न्यूजपेपर अल-सबाह की खबर के मुताबिक, 'आईएसआईएस डॉक्टरों को धमका रहा है कि वे घायल लड़ाकों की जान लेकर उनके शरीर से ऑर्गन निकाल लें। ऐसा नहीं किया तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।'
- साउथ मोसुल का हिस्सा हाथ से निकल जाने के बाद आतंकियों की फाइनेंशियल क्राइसिस बढ़ गई है।
- इसलिए जख्मी लड़ाकों को मार कर उनके हार्ट, लिवर को ब्लैक मार्केट में बेचकर काम चलाया जा रहा है।
- मोसूल की जेलों में कैदियों को ब्लड डोनेशन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
यूरोपीय लड़ाकों को लीव पर भेजा
- सीरिया और इराक में खलीफा का राज कायम करने वाले आइएसआईएस ने अपने यूरोपीय लड़ाकों को छुट्टी पर घर भेज दिया है।
- इससे ब्रिटेन और कुछ दूसरे यूरोपीय देशों में आतंकी हमलों का खतरा बढ़ गया है।
- मीडिया ने लीक हुए कुछ दस्तावेज के हवाले से बुधवार को बताया कि हजारों लड़ाकों को 'एक्जिट कार्ड' दिए गए हैं।
- इन पर आइएस के गेटकीपर्स और कमांडर्स के सिग्नेचर हैं। इनमें से कई ने 2013 और 2014 के बीच छुट्टियां मांगी थीं।
- इन डॉक्यूमेट्स में लड़ाकों के नाम, ग्रुप में उनका काम, कब शामिल हुए, कब छोड़ा, क्यों छोड़ा, किस क्रॉसिंग प्वाइंट से जा रहे हैं, जैसी कम्प्लीट जानकारी है।
- एक फ्रांसीसी लड़ाके के बारे में कमांडर ने लिखा है, 'काम पूरा करने के लिए जा रहा है।' जबकि एक ब्रिटिश इराकी को 'एक काम करने' के लिए लीव दी गई है।
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