आय सीजन में चढ़ेगा या बढ़त गंवाएगा शेयर बाजार

11:12:00 PM


Shiv Chandra | मुंबई Apr 18, 2016 09:45 PM IST
मार्च तिमाही के आय का सीजन शुरू होने से ठीक पहले भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक साल के मुकाबले अचानक और सबसे तेज गति वाली मासिक तेजी ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया है। सामान्य से बेहतर मॉनसून की हालिया भविष्यवाणी ने बाजार के सकारात्मक माहौल में और इजाफा किया है। हालांकि सवाल बना हुआ है कि क्या मौजूदा तेजी टिकाऊ रहेगी या फिर इसकी स्वाभाविक परिणति देखने को मिलेगी, जो पिछले एक साल में तिमाही नतीजे की अवधि से पहले व बाद में देखे जाते रहे हैं। उम्मीद और धरातल पर वास्तविकता के बीच बेमेल पिछली कुछ तिमाहियोंं से भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करता रहा है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा सरकार के सत्ता संभालने के बाद से ही बाजार के भागीदारों अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
हालांकि शेयर बाजार में एक साल की शुरुआती मजबूत तेजी के बाद माहौल पर काफी असर पड़ा क्योंकि कंपनियों की आय उम्मीद के मुताबिक नहीं रह पाई। लेकिन पिछले एक साल का रुख बताता है कि कुल मिलाकर कमजोर माहौल के बाद भी बाजार आय की रफ्तार में बढ़ोतरी को लेकर आशान्वित बना हुआ है। आय सीजन की शुरुआत से ठीक पहले बाजार में आई बढ़त निराशाजनक तिमाही नतीजे के बाद इसमें कमी ला सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर हम मार्च 2015 पर नजर डालें तो 50 शेयरों वाला निफ्टी 8900 के ऊपर कारोबार कर रहा था। तब मार्च तिमाही के नतीजे आने के बाद यह सूचकांक मई में यह 8400 के स्तर पर आ गया था। इसके बाद जून तिमाही नतीजे से ठीक पहले यह करीब 7965 पर आ गया और जुलाई के मध्य में फिर बढ़कर 8600 अंक पर पहुंच गया, लेकिन बाद में यह अपनी सभी बढ़त गंवा बैठा।
इसी तरह सितंबर तिमाही के आय सीजन के आसपास निफ्टी एक बार फिर सितंबर के 7770 अंक से चढऩा शुरू हुआ और अक्टूबर के मध्य तक करीब 8300 अंक पर पहुंच गया। एक बार फिर इसकी बढ़त कायम नहीं रह पाई। दिलचस्प रूप से अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आय सीजन के करीब आते ही बाजार एक बार फिर 7600 के स्तर से चढऩा शुरू हुआ और जनवरी के शुरू में 8000 पर आ गया। लेकिन निफ्टी इस फरवरी में 1000 अंक से ज्यादा टूटा और 7000 अंक से नीचे चला गया। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी एस नरेन ने कहा, यह देखते हुए कि आय रफ्तार नहीं पकड़ रही है तो इसमें गिरावट तार्किक लगता है। कोई भी बाजार सीधे तौर पर आगे नहीं जाता।
मौजूदा परिस्थिति में भी मार्च के दौरान शेयरों में बड़ी तेजी दर्ज हुई और सूचकांकों में 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई, जो अप्रैल में अब तक टिका हुआ है और यह 7900 अंक से ऊपर है। इस तरह से 1000 अंकों की तेजी एक महीने में देखी गई क्योंकि मार्च की आय का सीजन शुरू हुआ है। डाल्टन कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक यू आर भट्ट ने कहा, निफ्टी में 1000 अंकों की हालिया तेजी अनुबद्ध नहीं है। अर्थव्यवस्था में मंदी है। बाजार को उम्मीद है, लेकिन हम देख रहे हैं कि बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। यह तिमाही भी पिछली तिमाही की तरह खराब रह सकता है और बाजार में आई तेजी गायब हो सकती है। यह अगली कुछ तिमाहियों तक जारी रह सकता है।

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