बसाया जिनको है ख्यालों में मान कर अपना - Suman
11:55:00 PMWriter - Suman Dhingra Duggal
जुबान होते हुए बेजुबान बैठे हैं
छुपाए दिल में गमों का जहान बैठे हैं
तेरी तलाश में भटके हैं इस कदर देखो
गुबार ए राह भी हम सारी छान बैठे हैं
बसाया जिनको है ख्यालों में मान कर अपना
फिराए रूख़ वही बदगुमान बैठे हैं
बहुत गुमां था हमें जिनके शीरीं लहजे पर
लिए वो तल्ख़ियाँ भरी जुबान बैठे हैं
हज़ारों कोशिशें कीं उनको मनाने की हमने
मगर कसूर वो मेरा ही मान बैठे हैं
न पूछिये मेरी बेचारगी का आलम आप
लुटाए इश्क में नामों निशान बैठे हैं
सताएगी मुझे तक़दीर और अब कितना
न जाने दे के कई इम्तिहान बैठे हैं
हुए नहीं हैं अभी मेरे हौसले कमजोर
लिए सफर की जरा हम थकान बैठे हैं
ढली ये रात भी तारे भी सो गये अब तो
न होगा अब तो तेरा आना जान बैठे हैं
1 comments
Bahut hi khubsurat gazal maim.....
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